tag:blogger.com,1999:blog-1391400435141495922.post9075991510508069216..comments2022-11-21T06:13:29.671-08:00Comments on Meri Aawaz: तुम दूर न जाया करो...........khadija Ashrafhttp://www.blogger.com/profile/05879449916811224320noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1391400435141495922.post-6227472181989946532009-12-06T10:18:20.396-08:002009-12-06T10:18:20.396-08:00खदीजा जी आपकी इस कविता को पढ़कर निशब्द हो गई हूँ.....खदीजा जी आपकी इस कविता को पढ़कर निशब्द हो गई हूँ..कितनी दर्द है इसमें..<br />सूरज भी मद्धम सा लगता है <br />और चाँद बेनूर सा नज़र आता है<br />सुबह की ताजगी छिन जाती है <br />और शामों की दिलकशी खो जाती है<br />तुम दूर न जाया करो...<br />ये शब्द जुदाई का ग़म बखूबी बयां कर रहे है।<br />शुक्रिया..शबनम खानhttps://www.blogger.com/profile/13527939392236056369noreply@blogger.com