"मेरे मिज़ाज की तल्खी उन्हें नहीं भाती मैं उनसे प्यार से बोलूं तो लोग जलते हैं अब तो तन्हाई में रोते हैं सुबह-शाम वफ़ा घर से बहार मगर हँसते हुए निकलते हैं"
अपनी ही तलाश में गुम हूँ........
कहने को तो मैं एक न्यूज़ पेपर में काम करती हूँ मगर पत्रकार नहीं हूँ....
पर लिखने का शौक़ मुझे ब्लॉग की दुनिया में ले आया...
जो महसूस करती हूँ उसे पन्नो पर उतार देती हूँ, ज़िन्दगी में बहुत कुछ खोया है और बहुत कुछ खोने की कगार पर हूँ....पर नाउम्मीद नहीं हूँ!
मेरी तलाश जरी है और हमेशा रहेगी ...मेरे पढ़ने वालों की दुआओं में जगह चाहती हूँ ,न जाने कब किसकी दुआ लग जाये.....!!!!!
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