क्या नज़रें मिलने से प्यार हो जाता है.........?
क्या साथ वक़्त बिताने से दो लोग करीब आ जाते हैं.........?
क्या मिलना, बात करना, साथ रहना ज़रूरी है.......?
पता नहीं..............
कभी कभी किसी की एक नज़र वो कर जाती है
जो बरसों की पहचान भी नहीं कर पाती.........
साथ रह कर भी अजनबियों की तरह रहने वाले
आज इतने करीब आ चुके हैं के दूर रहना मुश्किल हैं
वो अचानक नज़रों का मिलना.......
एक दुसरे को सवालिया नज़रों से देखते रहना........
और फिर...........
एक नयी कहानी की शुरुआत.........
कब, कहाँ,क्यूँ,कैसे.........
पता नहीं....
Thursday, February 4, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)