"तू समंदर है मेरा मैं तेरी गहराई हूँ
तू है एक तनहा शजर मैं तेरी परछाई हूँ
तूने चाहा नहीं मुझको तो ये किस्सा है अलग
मैं तू हर सांस तेरे नाम पे लिख आई हूँ "
अपनी ही तलाश में गुम हूँ........
कहने को तो मैं एक न्यूज़ पेपर में काम करती हूँ मगर पत्रकार नहीं हूँ....
पर लिखने का शौक़ मुझे ब्लॉग की दुनिया में ले आया...
जो महसूस करती हूँ उसे पन्नो पर उतार देती हूँ, ज़िन्दगी में बहुत कुछ खोया है और बहुत कुछ खोने की कगार पर हूँ....पर नाउम्मीद नहीं हूँ!
मेरी तलाश जरी है और हमेशा रहेगी ...मेरे पढ़ने वालों की दुआओं में जगह चाहती हूँ ,न जाने कब किसकी दुआ लग जाये.....!!!!!
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